🌻अमृतवाणी🌻
*🌻आज की अमृतवाणी🌻* (ईश्वरीय न्याय) *ईश्वर पर न किसी की प्रशंसा का कोई असर पड़ता है और न निंदा का। पुजारी नित्य प्रशंसा के पुल बाँधते और नास्तिक हजारों गालियाँ सुनाते हैं। इनमें से किसी की भी बक-झक का उस पर कोई असर नहीं पड़ता । गिड़गिड़ाने, नाक रगड़ने पर भी चयन आयोग किसी को ऑफीसर नियुक्त नहीं करता। छात्रवृत्ति पाने के लिए नंबर लाने और प्रतिस्पर्द्धा जीतने से कम में किसी प्रकार भी काम नहीं चलता। ईश्वर की भी यही सुनिश्चित रीति-नीति है। उसकी प्रसन्नता भी एक केंद्रबिंदु पर केंद्रित है कि किसने उसके विश्व उद्यान को सुंदर, समुन्नत बनाने के लिए कितना अनुदान प्रस्तुत किया। उपासनात्मक कर्मकांड इसी एक सुनिश्चित व्यवस्था को जानने-मानने के लिए किए और अपनाए जाते हैं। यदि कर्मकांड लकीर भर पीटने की तरह पूरे किए जाएँ और परमात्मा के आदेश- अनुशासन की अवज्ञा की जाती रहे, तो समझना चाहिए कि यह मात्र बाल-क्रीड़ा, खेल-खिलवाड़ ही है। उतने भर से किसी का कुछ भला होने वाला है नहीं।* *(युग ऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य)* ****************************** *🌞आज की तिथि, पंचांग🌞* सृष्टि काल--- *०१अरब,९६ करोड,०८ लाख,५३