अन्धविश्वास देखो न मम्मी कहाँ से ये कछुआ आ गया हमारे घर में, दोनों बच्चे उस कछुए को देख कर ख़ुशी से उछल पड़े, आयुषी बोली- “अरे मम्मी देखो ये कितना छोटा और प्यारा सा हैं, हम इसे पालतू बना लेते हैं,” यश दौड़ कर गया और एक जार ले आया, उस जार में पानी भर दिया, थोड़ी मिटटी डाल कर उसमे कछुए को डाल दिया, शालिनी और जय भी उस छोटे से कछुए को देख कर आश्चर्य चकित थी, पता नहीं ये छोटा सा कछुआ कहाँ से आ गया हमारे घर में, शालिनी और जय ने अभी नया-नया घर बनया था, गृहप्रवेश में आये रिश्तेदार भी अभी तक नहीं गये थे, सभी तरह-तरह की बाते करने लगे, कछुए का घर में आना लक्ष्मी का संकेत है, कछुआ घर में रखना चाहिए, इससे घर में लक्ष्मी आती है, हालाकिं शालिनी इन बातो पर विश्वास नहीं करती थीं लेकिन रिश्तेदारों की बातों से शालिनी को भी अन्धविश्वास ने घेर लिया था, अगले दस दिनों तक घर में मेहमानों का आना जाना लगा रहा, घर के साथ-साथ वह छोटा सा कछुआ भी आकर्षण का केन्र्द बना हुआ था, शालिनी भी बहुत व्यस्त थी, लेकिन इतनी व्यस्तता में भी शालिनी उस कछुए को खाना देना नहीं भूलती, सुबह दोपहर शाम तीनों समय, जब भी शालिनी कछ...
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