*बेटा से पहले बहु को समझना होगा*
01. प्रश्न :- बुढापे का सहारा कौन होता है और कैसे विस्तार में बताये। उतर :- *बुढापे का सहारा बेटा नहीं-"बहु"* होती हैं जैसे कि :- लोगों से अक्सर सुनते आये हैं कि बेटा बुढ़ापे की लाठी होता है।इसलिये लोग अपने जीवन मे एक "बेटा" की कामना ज़रूर रखते हैं ताकि बुढ़ापा अच्छे से कटे। ये बात सच भी है *क्योंकि बेटा ही घर में बहु लाता है।* बहु के आ जाने के बाद एक बेटा अपनी लगभग सारी जिम्मेदारी अपनी पत्नी के कंधे पर डाल देता है। और *फिर बहु बन जाती है अपने बूढ़े सास-ससुर की बुढ़ापे की लाठी।* जी हाँ मेरा तो यही मनाना है वो बहु ही होती है जिसके सहारे बूढ़े सास-ससुर अपना जीवन अच्छे से व्यतीत करते हैं। *एक बहु को अपने सास-ससुर की पूरी दिनचर्या मालूम होती है*।कौन कब और कैसी चाय पीते है, क्या खाना बनाना है, शाम में नाश्ता में क्या देना,रात को हर हालत में 9 बजे से पहले खाना बनाना है।अगर सास-ससुर बीमार पड़ जाए तो पूरे मन या बेमन से बहु ही देखभाल करती है। अगर एक दिन के लिये बहु बीमार पड़ जाए या फिर कही चले जाएं, तो पूरे घर की धुरी हिल जाती है ।। परंतु यदि बेटा 15 दिवस की यात्रा पर भी चला जाये ...